Trouble with filth and foul smell of Barari Ganga Ghat: बरारी गंगा घाट की स्थिति बहुत ही गंभीर हो चुकी है, जहां गंदगी और कचरे के कारण पानी में दुर्गंध फैली हुई है। इस कारण लोग गंगा स्नान से वंचित हो रहे हैं और केवल शरीर पर जल छिड़ककर परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।
नगर प्रशासन की बैठक और निर्णय
प्रभात खबर ने पिछले चार दिनों से इस समस्या को प्रमुखता से उठाया है। शनिवार को नगर प्रशासन की जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में मेयर डा. बसुंधरा लाल ने इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा कि बरारी पुल घाट पर कचरे का अंबार है, जहां शवदाह के बाद लोग स्नान करते हैं। आगामी श्रावणी मेले के दौरान भी स्नान के लिए लोग आएंगे, लेकिन गंदगी के कारण कठिनाइयां होंगी। बैठक में निर्णय हुआ कि दुकानदारों द्वारा घाट पर कचरा फेंकने के खिलाफ प्लास्टिक वैन प्रभारी छापेमारी करेंगे और घाट पर कूड़ेदान रखे जाएंगे।
हथिया नाले की सफाई और जलजमाव का समाधान
नगर प्रशासन ने मानसून को ध्यान में रखते हुए शहर के विभिन्न वार्ड क्षेत्रों में जलजमाव पर नियंत्रण के लिए बैठक की। मेयर डा. बसुंधरा लाल ने कहा कि जब तक हथिया नाले की सफाई पूरी नहीं होगी, तब तक जलजमाव का समाधान नहीं हो सकता है। आनंद चिकित्सालय मार्ग में जलनिकासी की समस्या के समाधान के लिए तीन महीने लगे और इसी तरह शहर के अन्य नालों की सफाई के लिए कार्ययोजना तैयार करनी होगी।
वाटर हार्वेस्टिंग का प्रस्ताव
मेयर ने कहा कि जलजमाव से बचाव के लिए लोहापट्टी में सड़क से ऊंचा नाला समस्या का मुख्य कारण है। इसके लिए 68 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली है। मेयर ने वाटर हार्वेस्टिंग का प्रस्ताव दिया, जिससे 10 से 15 स्थानों पर भूगर्भ जल संचय किया जा सके। नगर आयुक्त ने कहा कि इसके लिए निगम के अमीन स्थलों का सर्वे करेंगे और स्थानीय पार्षदों का सहयोग लेंगे।
फॉगिंग रोस्टर और अमृत मिशन 2.0
नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य शाखा प्रभारी को सितंबर तक का फॉगिंग रोस्टर बनाने का निर्देश दिया। पार्षदों की शिकायत पर ईंधन बढ़ाकर मुख्य मार्ग में बड़े मशीन से फॉगिंग कराने का निर्णय लिया गया। शहर के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र में जलनिकासी की समस्या का निदान अमृत मिशन 2.0 से होगा, जिसके तहत 270 करोड़ रुपये की स्ट्राम वाटर ड्रेन योजना तैयार है।
इन उपायों के सफलतापूर्वक लागू होने से बरारी गंगा घाट और पूरे शहर की सफाई और जलनिकासी की समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा।