Vigilance is the only defense: साइबर क्राइम इन दिनों एक लाईलाज बीमारी बनता जा रहा है। साइबर अपराधियों को बेनकाब करने के कुछेक तरीके पुलिस के पास हैं, लेकिन दूसरी तरफ साइबर अपराधियों के पास बच निकलने के कई तरीके हैं। ऐसी स्थिति में आमलोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक होना होगा। साइबर क्राइम से बचने के लिए सतर्कता ही एक मात्र बचाव और उपाय है। भागलपुर पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के चंगुल से बचाने के लिए सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर जागरूकता अभियान चला रही है। लोग पुलिस के फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम पेज पर इसे देख सकते हैं।
साइबर अपराधियों के साइकोलॉजिकल ट्रिक
इंटरनेट और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को आकर्षक ऑफर का लालच देकर उन्हें अपनी मीठी बातों में फंसा कर संवेदनशील जानकारी और पैसों की चोरी करना साइबर ठगी का साइकोलॉजिकल ट्रिक कहलाता है।
बचाव:
- अंजान नंबर से आने वाले मैसेज, जो आपके खाते में पैसे आने की बात करते हैं, उन पर भरोसा न करें।
- ऐसे मैसेजों का उत्तर न दें और अविश्वसनीय खातों में कभी पैसे न भेजें।
- एटीएम कार्ड ब्लॉक होने की सूचना देने वाले कॉल से सावधान रहें।
- बैंक संवेदनशील जानकारियों को कभी साझा नहीं करते हैं।
- खाते से अमान्य भुगतान होने की स्थिति में तुरंत बैंक को सूचना दें।
धोखाधड़ी वाले ऐप से सुरक्षित रहें
हमेशा वेरिफाइड अप्लिकेशन स्टोर से ही एप डाउनलोड करें। एप इंस्टॉल करने के दौरान निजी जानकारियों को एक्सेस देने से बचें। मोबाइल के सॉफ्टवेयर और ऐप को हमेशा अपडेट रखें। असुरक्षित महसूस होने पर ऐप को अनइंस्टॉल कर दें। आरबीआई द्वारा विनियमित कंपनियों में ही निवेश करें और फर्जी ऐप से बचें।
पासवर्ड प्रबंधन
पासवर्ड या पिन में फोन नंबर, जन्मतिथि, गाड़ी का नंबर या कोई अहम तारीख न डालें। अपने नाम का पासवर्ड भी न रखें। ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट्स, बैंक अकाउंट्स और ई-वॉलेट के पासवर्ड हमेशा अलग-अलग रखें। पासवर्ड को नियमित रूप से तीन-चार महीने में बदलें।
यूपीआई फिशिंग से बचाव
कॉल या मैसेज के माध्यम से प्रलोभन देकर वित्तीय जानकारी चुराना और यूपीआई खाते से पैसे निकालना यूपीआई फिशिंग फर्जीवाड़ा कहलाता है। इससे बचने के लिए कोई भी लिंक या ओटीपी किसी से साझा न करें। गूगल सर्च से प्राप्त कस्टमर केयर नंबर का प्रयोग न करें।
डेटिंग ऐप्स से बचाव
डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करते समय किसी अजनबी पर भरोसा करने से वित्तीय नुकसान हो सकता है। साइबर अपराधी डेटिंग ऐप के माध्यम से अपने शिकार को फंसाते हैं और धन का दोहन करते हैं। ऑनलाइन दुनिया में भरोसा नाम की चीज नहीं होती, इसलिए सतर्क रहें, सावधान रहें और साइबर क्राइम से बचें।