कमोडिटी बाजार में Option Trading की शुरुआत के लिए पहले एक ट्रेडिंग खाता होना बहुत ज़रूरी है। अगर आपके पास पहले से ही फ्यूचर्स बाजार में खाता है, तो आपको अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए अलग से सहमति पत्र देना होगा।

Join Our Whatsapp GroupJoin Now

Option Trading एक कॉन्ट्रैक्ट है जो विक्रेता द्वारा लिखा जाता है। जो खरीदार को अधिकार देता है, लेकिन भविष्य में विशिष्ट प्राइस पर किसी विशेष एसेट को खरीदने ( कॉल ऑप्शन) या बेचने (पुट ऑप्शन ) का दायित्व नहीं देता। ऑप्शन की मंजूरी देने के बदले में विक्रेता, खरीदार से एक भुगतान ( प्रीमियम के रूप में ) लेता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में समय की कोई पाबंदी नहीं है, आप अपने शेयर को कभी भी खरीद और बेच सकते है

Join Our Whatsapp GroupJoin Now

Option Trading कैसे करते हैं?

Option Trading में दो तरह के ऑप्शन होते हैं जिन्हें जानना जरूरी है जो है –

1. कॉल ऑप्शन  2. पुट ऑप्शन

1. कॉल ऑप्शन

कॉल ऑप्शन खरीदने से खरीदार को एक पूर्व निर्धारित कीमत पर एक पूर्व निर्धारित तिथि में एक कंपनी के शेयर को खरीदने का अधिकार मिलता है, लेकिन दायित्व नहीं।

कॉल ऑप्शन ट्रेडिंग में विक्रेता के पास दायित्व होती है, क्योंकि यदि कॉल खरीदार शेयर खरीदने का विकल्प लेने का फैसला करते हैं, तो कॉल लेखक अपने शेयरों को पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदार को बेचने के लिए बाधित है।

2. पुट ऑप्शन
पुट ऑप्शन खरीदने से खरीदार को अधिकार मिलता है, लेकिन वह बाधित नहीं होता कि वो एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर, पूर्वनिर्धारित समय पर अपने स्टॉक को बचें। पूट ऑप्शन में, व्यापारी स्टॉक की कीमत में गिरावट पर पैसे लगा रहा है, और बाजार में अनिवार्य रूप से शॉर्टिंग (या शॉर्ट सेलिंग) कर रहा है।

Option Trading के फायदें क्या है?

इस ट्रेडिंग में यदि किसी को लगता है कि भविष्य में किसी शेयर की कीमत चढ़ने वाले हैं तो वह ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए उस शेयर को बिना पूरे पैसे दिए एक प्रीमियम देकर भविष्य के लिए शेयर को खरीद या बेच सकता है।

साथ ही यह ट्रेड लेने वाले को ज्यादा नुकसान से भी बचाता है. यहां गौर करने की बात यह है कि अगर भविष्य में शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है तो ट्रेड लेने वाले को केवल उतने ही पैसों का नुकसान होगा जितना उसने प्रीमियम दिया होगा।

Option Trading में निवेशक इस बात का निष्कर्ष निकालने के लिए इसका उपयोग करते हैं कि निकट भविष्य में संपत्ति का मूल्य कितना बढ़ेगा या कम होगा। यह भी कोई संपत्ति खरीदने की आवश्यकता के बगैर। यह निवेशक को एक निश्चित अवधि के बाद पहले से ही तय पूर्व-निर्धारित दर पर सिक्योरिटीज, ईटीएफ या इंडेक्स फंड जैसे कई उपकरणों में ट्रेडिंग करने की अनुमति देता है।

एक प्रकार से देखा जाए तो ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिये कोई भी मार्केट में शेयर खरीद और बेच सकता है. यह ट्रेडिंग बड़ा लाभ कमाने में सहायता कर सकती है। साथ ही यह किसी बड़े नुकसान से भी बचाती है।

Read also: What Is Delivery Trading

Anshu Pandey associated with Angika Times from 2024. He has 3 Years of Experience in Journalism. He writes Share Market, Business News as well as Latest News. She can be contacted on - anshu@angikatimes.com

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *