Vikash Rishidev Success Story: अगर मेहनत दिल से की जाए तो सफलता एक न एक दिन कदम जरूर चूमती है। इसे साबित कर दिखाया है बिहार के मधेपुरा जिले के मुरहो गांव के रहने वाले विकास ऋषिदेव ने, जिन्होंने दूसरों के घर में बर्तन-झाडू करके रेलवे में लोको पायलट की नौकरी हासिल की।

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बचपन में ही उठा मां-बाप का साया

आपको बता दें कि विकास एक गरीब घर में पैदा हुए थे। पैसों की कमी के कारण पर्याप्त इलाज नहीं मिलने से उनके माता-पिता की असमय मौत हो गई थी। गांव से दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद मधेपुरा जाकर इन्होंने इंटर की पढ़ाई की। पैसे की कमी होने के कारण वे 5 साल तक दूसरों के घरों में जाकर बर्तन धोते थे और पोछा लगाते थे।

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लेकिन विषम परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई बंद नहीं की और 2007 में उन्होंने रेलवे ग्रुप ‘डी’ में सफलता हासिल की इसके बाद उनका जीवन बदल गया । लेकिन वे यहां भी नहीं रुके और कड़ी परिश्रम के बाद लोको पायलट की परीक्षा पास की । वर्तमान में वे बिहार के ही सहरसा जिले में पोस्टेड है।

गांव के लिए प्रेरणा स्त्रोत है विकाश ऋषिदेव

फिलहाल विकाश रेलवे में नौकरी करते हुए बीपीएससी मेंस की तैयारी में जुटे हुए हैं । विकास अपने गांव और समाज के लिए  प्रेरणा के स्रोत हैं।

Abhishek Raj is Senior Editor of Angika Times. He has 7 Years of Experience in Automobile Industry as well as 3 years of experience in Journalism. He has done PGDM in Mass Communicaion. He can be Contacted...

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