TRAI’s new rule Strictness to curb fraud: ट्राई ने मोबाइल नंबरों की पोर्टिंग में धोखाधड़ी रोकने के उद्देश्य से नए नियम लागू किए हैं। इन संशोधित नियमों का मकसद असामाजिक तत्वों द्वारा मोबाइल नंबर पोर्टिंग का दुरुपयोग रोकना है। आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में विस्तार से।
उद्देश्य क्या है?
ट्राई ने स्पष्ट किया है कि संशोधित नियमों का मुख्य उद्देश्य असामाजिक तत्वों द्वारा धोखाधड़ी के लिए मोबाइल नंबरों की पोर्टिंग पर अंकुश लगाना है। पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, नए नियमों के तहत विशिष्ट पोर्टिंग कोड (यूपीसी) के आवंटन के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए एक नया मानदंड जोड़ा गया है। यदि ‘सिम स्वैप’ की तारीख से सात दिन की समाप्ति से पहले यूपीसी के लिए अनुरोध किया गया है, तो यूपीसी आवंटित नहीं किया जाएगा।
नया नियम
ट्राई ने घोषणा की है कि ‘सिम स्वैप’ के बाद मोबाइल नंबर पोर्टिंग के लिए अब सात दिन की प्रतीक्षा अवधि होगी। इससे पहले, सिम स्वैप के बाद 10 दिनों तक इंतजार करना होता था। यह कदम मोबाइल फोन नंबर के जरिए की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है।
नए नियम आज से लागू
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि 14 मार्च 2024 को जारी दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (नौवां संशोधन) विनियम एक जुलाई 2024 से लागू हो गया है। इस संशोधन में प्रतीक्षा अवधि को 10 दिनों से घटाकर सात दिन कर दिया गया है।
SIM स्वैपिंग के बाद मोबाइल नंबर पोर्टिंग के लिए अब 7 दिन का इंतजार
ट्राई ने कहा है कि संशोधित नियमों का मकसद असामाजिक तत्वों द्वारा धोखाधड़ी करने के लिए मोबाइल नंबरों की पोर्टिंग पर अंकुश लगाना है। इस नए नियम के तहत, सिम स्वैपिंग के बाद मोबाइल नंबर पोर्टिंग के लिए अब सात दिन की प्रतीक्षा अवधि लागू होगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी।
इस तरह, ट्राई के नए नियम मोबाइल नंबर पोर्टिंग को और सुरक्षित बनाएंगे और असामाजिक तत्वों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाएंगे।