Bhagalpur Polytechnic College: भागलपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक नया फीडर बनाया जाएगा। यह फीडर सेंट्रल जेल पावर सब स्टेशन से जुड़ेगा, जिससे उपकेंद्र के पास अब कुल चार फीडर हो जाएंगे। वर्तमान में यहां तीन फीडर तिलकामांझी, वाटर वर्क्स, और जीरोमाइल के हैं। नए फीडर से इलाके का लोड बंट जाएगा, जिससे आपूर्ति सुचारू हो सकेगी। इस फीडर के नवनिर्माण के लिए अलग लाइन खींची जाएगी, जो एसबीपीडीसीएल कार्य एजेंसी के माध्यम से की जाएगी। इस पर चार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होगी। निविदा प्रक्रिया के तहत 09 जुलाई को तकनीकी और वित्तीय बिड खोलकर एजेंसी का चयन किया जाएगा।

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घूसखोरी के आरोप की जांच

भागलपुर नगर निगम में तैनात कुछ कर्मचारियों पर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इन आरोपों की जांच के लिए सिटी मैनेजर विनय कुमार यादव ने संबंधित कर्मचारियों विनोद हरि, मनोज कुमार, रोहन कुमार, रंजीत कुमार प्रभात और भारत कुमार को साक्ष्य जमा करने का निर्देश दिया है। इन कर्मचारियों ने नगर निगम के अन्य कर्मियों पर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसे स्थाई समिति की बैठक में मेयर डॉ. बसुंधरा लाल और पार्षदों ने प्रमुख मुद्दा बनाया था। यह आरोप नगर निगम के कामकाज और उसकी विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए जांच आवश्यक है।

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स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की शुरुआत 5 जुलाई से होगी। इस सर्वेक्षण के लिए विभिन्न निकायों के पदाधिकारियों को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। भागलपुर नगर निगम की ओर से इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता अधिकारी शशिभूषण सिंह शामिल हुए। ट्रेनिंग के दौरान, स्वच्छ सर्वेक्षण के विभिन्न मानकों और उनकी मार्किंग के संबंध में जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण से अधिकारियों को स्वच्छता मानकों को बेहतर तरीके से समझने और उन्हें लागू करने में मदद मिलेगी।

पिछली रैंकिंग और चुनौतियां

केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में भागलपुर की रैंकिंग 446 शहरों में से 403वीं थी, जो कि पिछले साल 365वीं रैंक से भी नीचे गिर गई थी। राज्य स्तर पर भागलपुर की रैंकिंग में सुधार हुआ और यह 31 शहरों में 21वें स्थान पर पहुंच गया। भागलपुर का स्कोर 1975.40 था। शहर की सफाई व्यवस्था पिछले पांच महीनों से बिगड़ी हुई थी, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई। समय पर कूड़े का उठाव नहीं हो रहा था और नालियों की सफाई भी नहीं हो रही थी, जिससे शहर की स्वच्छता प्रभावित हुई।

नगर निगम के हालात

भागलपुर नगर निगम के पब्लिक टॉयलेट की स्थिति अत्यंत खराब थी। कई बार तो इमरजेंसी में भी निगम के अधिकारी इन टॉयलेट्स का उपयोग नहीं कर पाते थे। आम नागरिकों को मजबूरी में इन गंदे टॉयलेट्स का उपयोग करना पड़ता था। इसके अलावा, नगर निगम में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रहे आपसी मनमुटाव का भी कामकाज पर असर पड़ा, जिससे स्वच्छता और अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधाएं आईं। इन समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है ताकि नगर निगम की कार्यक्षमता में सुधार हो सके।

सुधार की दिशा में प्रयास

भागलपुर को स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। नगर निगम को सफाई के कामों में तेजी लानी होगी और कूड़े के नियमित उठाव के साथ-साथ नालियों की साफ-सफाई सुनिश्चित करनी होगी। पब्लिक टॉयलेट्स की स्थिति में सुधार के लिए विशेष ध्यान देना होगा। नगर निगम को अपने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच आपसी तालमेल बढ़ाना होगा ताकि कामकाज में कोई बाधा न आए।

भविष्य की योजनाएं

भागलपुर के नागरिकों और नगर निगम को मिलकर स्वच्छता के मानकों को पूरा करने के लिए काम करना होगा। यह न केवल शहर की रैंकिंग को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा। नगर निगम को स्वच्छता अभियानों में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी और उन्हें जागरूक करना होगा। सामूहिक प्रयासों से ही भागलपुर को एक स्वच्छ और सुंदर शहर बनाया जा सकता है।

भागलपुर में स्वच्छता और बिजली आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। पॉलिटेक्निक कॉलेज के लिए नए फीडर का निर्माण और घूसखोरी के आरोपों की जांच से यह स्पष्ट है कि प्रशासन सक्रियता से समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण में भागलपुर की रैंकिंग को सुधारने के लिए नगर निगम और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। सुधार की दिशा में प्रयासों से शहर का भविष्य बेहतर बन सकेगा।