दौड़ती-भागती ज़िंदगी में महिलाएं अक्सर अपनी ज़रूरतों को पीछे छोड़ देती हैं। परिवार की देखभाल, घर का कामकाज, और पेशेवर जिम्मेदारियां निभाते हुए कई बार खुद का ध्यान रखना नजरअंदाज हो जाता है। लेकिन यह करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

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समय पर बीमारियों का पता लगाना और उनकी रोकथाम के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी है। ये जांच न केवल आपको स्वस्थ रहने में मदद करती हैं, बल्कि भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम करती हैं।

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आज हम आपको पांच ऐसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जांचों के बारे में बताएंगे, जो हर महिला को सालाना करवाना चाहिए:

1. आनुवंशिक स्क्रीनिंग: आनुवंशिकता का हमारे जीवन में गहरा प्रभाव होता है। यह जांच जीनों के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर होने वाली बीमारियों का पता लगाने में मदद करती है। इसके जरिए आप यह जान सकती हैं कि क्या आपको भविष्य में किसी खास बीमारी, जैसे कैंसर, हृदय रोग, या अल्जाइमर, का जोखिम ज्यादा है। जल्दी पता लगाने से इन बीमारियों का इलाज संभव है और जोखिम को कम किया जा सकता है।

2. कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ जांच: उम्र बढ़ने के साथ हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह खतरा महिलाओं के लिए भी कम नहीं है। यह जांच आपके दिल की सेहत का आकलन करती है और हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय गति में अनियमितता, या कोरोनरी धमनी रोग जैसी समस्याओं का पता लगाने में मदद करती है। शुरुआती अवस्था में इन समस्याओं का पता लगाकर आप अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव कर इन बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती हैं।

3. अल्जाइमर जांच: अल्जाइमर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है जो दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। यह बीमारी आमतौर पर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह 35 साल की उम्र के बाद भी हो सकती है। 35 के बाद महिलाओं को अल्जाइमर की जांच जरूर करवा लेनी चाहिए। हालांकि, फिलहाल इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन जल्दी पता लगाने से इसके लक्षणों को प्रबंधित करने और रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद मिलती है।

4. सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है। यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के कारण होता है। 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच करवानी चाहिए। इस जांच में सर्वाइकल कोशिकाओं में असामान्यताओं का पता लगाया जाता है, जिससे कैंसर के शुरुआती चरणों का पता लगाना संभव हो जाता है।

5. ब्रेस्ट कैंसर जांच: ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को स्तन कैंसर की जांच करवा लेनी चाहिए। इस जांच में मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड, या एमआरआई जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। शुरुआती अवस्था में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाना और इलाज करना ज्यादा आसान होता है।

Anshu Pandey associated with Angika Times from 2024. He has 3 Years of Experience in Journalism. He writes Share Market, Business News as well as Latest News. She can be contacted on - anshu@angikatimes.com

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