Surrogacy Rule: जो भी कपल सरोगेसी के जरिए पैरंट बनने की चाह पूरी करना चाहते हैं उन्हें सरकार ने बड़ी राहत दी है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने Surrogacy के नियम में बदलाव किया है। इस बदलाव के मुताबिक दाता के एग और स्पर्म लेने की इजाजत दे दी है।
नियम 7 के चलते पिछले साल सरोगेसी में डोनर का एग या स्पर्म लेने पर प्रतिबंध था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया है। अब जो भी दंपत्ति संतान की चाह रखते हैं। उन्हें डोनर से एग और स्पर्म लेने पर कोई भी प्रतिबंध नहीं है।
कौनसे नियमों में हुए बदलाव?
सेंट्रल गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया ने नियम 2022 में संशोधन करते हुए यह बड़ा बदलाव किया है। इस नियम के चलते संतान की चाह रखने वाले दंपति अगर अपना एग और स्पर्म देने में असमर्थ है तो वह अन्य डोनर की मदद ले सकते हैं। इस नियम से मां-बाप बनने के लिए अक्षम लाखों दंपतियों को बच्चे का सुख मिल सकेगा।
इस नियम में इस बात का ध्यान रखना होगा कि, सरोगेसी से पहले डोनर से मदद लेने के लिए जिला मेडिकल बोर्ड से सर्टिफाइड करवाना होगा। जहां यह साफ तौर पर लिखा हो कि कपल में कोई एक किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से एग या स्पर्म देने में अक्षम है।
सिंगल महिला के लिए खुशखबरी
नियम के तहत अगर कोई अकेली महिला, तलाकशुदा या फिर विधवा अगर मां बनना चाहे तो सरोगेसी के जरिए बन सकती है। इस नियम के चलते उसे अपने एग और डोनर के स्पर्म को इस्तेमाल। करने की इजाज़त है।
आंकड़ों की माने तो इंडिया में ज्यादातर दंपति गर्भपात और आईवीएफ के भी फेल हो जाने के बाद सरोगेसी का सहारा लेते हैं। ऐसे में जरूरी यह था कि दोनों ही मेल और फीमेल के पास एग ओर स्पर्म होना चाहिए। लेकिन कई बार मेडिकल कंडीशंस के चलते दोनों में से कोई एक नाकामयाब हो जाता है। जिस वजह से सरोगेसी मुश्किल हो जाती थी। इस नए नियम से लाखों लोगों को सरोगेसी में मदद मिलेगी।