Spiritual guide teaching proper offerings to Lord Krishna devotees: श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज एक प्रतिष्ठित संत हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम शंभू पांडेय और माता का नाम राम देवी है। महाराज जी ने बहुत ही कम उम्र में सन्यास ग्रहण कर लिया था। जब वे 5वीं कक्षा में थे, तभी से उन्होंने गीता का पाठ करना शुरू कर दिया था और इसी से उनकी आध्यात्मिक रुचि बढ़ने लगी। महाराज जी के गुरु श्री गौरंगी शरण जी महाराज हैं, जिन्होंने उन्हें आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की।
वृंदावन में सत्संग और मार्गदर्शन
प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज वृंदावन में रहते हैं और वहीं अपने सत्संग के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। वे भक्तों के प्रश्नों का उत्तर देते हैं और उन्हें सही मार्ग दिखाते हैं। महाराज जी राधा रानी के अनन्य भक्त हैं, और उनके सत्संग में कई बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और श्रद्धालु आते हैं। उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जो उनके विचारों और सत्संग से प्रभावित होते हैं।
भगवान को भोग लगाने का सही तरीका
हाल ही में, प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे बताते हैं कि भगवान को भोग लगाने का सही तरीका क्या होना चाहिए। महाराज जी के अनुसार, भगवान को कभी भी प्याज और लहसुन युक्त भोजन का भोग नहीं लगाना चाहिए। इसके अलावा, फलों का भोग लगाने से पहले उनके छिलके और बीज निकालकर उन्हें काटकर भोग लगाना चाहिए। महाराज जी यह भी कहते हैं कि बिना भगवान को भोग लगाए भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे भोजन शुद्ध हो जाता है और खाने के बाद मन की स्थिति भी अच्छी रहती है।
संत की लोकप्रियता और समाज में योगदान
प्रेमानंद महाराज जी के सत्संग और उनके विचार आज के समाज में बहुत महत्वपूर्ण हैं। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी उनसे भेंट की थी। इसके अलावा, फिल्म और क्रिकेट जगत के कई दिग्गज भी महाराज जी के पास मार्गदर्शन के लिए आ चुके हैं। महाराज जी के शिक्षण और आध्यात्मिक विचार समाज में शांति और सद्भाव का संदेश फैलाते हैं।