School roof collapse highlights education department’s negligence: बिहार में शिक्षा विभाग की लापरवाही और अव्यवस्था के कारण विद्यालय भवनों की जर्जर स्थिति ने बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। हाल ही में मुंगेर जिले के एक उच्च माध्यमिक विद्यालय की छत गिरने की घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और संरचनात्मक खामियों का परिणाम है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को भय के साए में शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है।
हादसे के बाद सक्रिय हुआ शिक्षा विभाग
ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति की सूचना डीएम को दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में विद्यार्थी जर्जर भवन के नीचे भय के साए में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान, विनय कुमार सुमन ने बताया कि जिले के सभी विद्यालय भवनों का सर्वे कराया जा रहा है और 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। चालू वित्तीय वर्ष में इस मद में आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है, परंतु पूर्व में जिन विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण होना है, उसके लिए राशि प्राप्त हुई है।
डर के साए में संचालित होती थी कक्षा
लगातार बारिश के कारण विद्यालय भवन की जर्जर छत का हिस्सा टूटकर गिर गया, जिससे शिक्षक और विद्यार्थी बाल-बाल बच गए। विद्यालय में बारहवीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन केवल दो कमरों में सभी कक्षाओं का संचालन करना पड़ता है। डीपीओ विनय कुमार सुमन ने बताया कि छत गिरने की सूचना प्रधानाध्यापक ने दी है और कनीय अभियंता जल्द ही भौतिक जांच करेंगे, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल की छत गिरने की घटना
मुंगेर के सदर प्रखंड की तारापुर दियारा पंचायत स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय महेशपुर के जर्जर भवन की छत का हिस्सा गिर गया। इस हादसे में शिक्षक और बच्चे सुरक्षित रहे। प्रधानाध्यापक उत्तम कुमार ने बताया कि भवन की जर्जर स्थिति के बारे में विभागीय अधिकारियों को पहले ही सूचना दी गई थी और फिलहाल केवल दो कमरों में शिक्षण कार्य चल रहा था।
बिहार में संरचनात्मक खामियां
बिहार में पुल गिरने और धंसने की घटनाओं के साथ ही अब स्कूल की छत भी गिरने लगी हैं। मुंगेर में हुई इस घटना से शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर होती है और सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।