Rising fever cases prompt need for special testing: मॉनसून के मौसम में मायागंज और सदर अस्पताल में बुखार, सर्दी और खांसी के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे चिकित्सकों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौसम में बुखार से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ी है, और यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
मरीजों की जांच रिपोर्ट सामान्य, डॉक्टर असमंजस में
मायागंज अस्पताल के पैथोलॉजी सेंटर में प्रतिदिन औसतन 70 मरीजों के सैंपल की जांच की जाती है। इनमें से आधे से अधिक मरीजों की रिपोर्ट सामान्य आती है, जिसके कारण डॉक्टर असमंजस में हैं कि बुखार के बावजूद मरीजों को कौन सी बीमारी है। हाल ही में, नयाबाजार निवासी शंभु सिंह ने अपनी बेटी के तेज बुखार के लिए रिपोर्ट जांचवाई, लेकिन कोई खास बीमारी नहीं निकली।
बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या और नई बीमारियों की संभावना
पैथोलॉजी सेंटर के प्रभारी राजीव रंजन के अनुसार, बुखार की जांच के लिए मरीजों की संख्या में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। रोजाना 250 से अधिक सैंपल इकट्ठे किए जा रहे हैं, जिनमें से लगभग 70 बुखार से संबंधित हैं। पिछले 15 दिनों में यह संख्या 30-35 थी। वर्तमान में सबसे अधिक मरीज टायफाइड के मिल रहे हैं, और कभी-कभी कालाजार भी पाया जा रहा है।
नई बीमारियों की पहचान के लिए विशेष जांच की आवश्यकता
मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ. अबिलेष कुमार ने बताया कि बुखार के कारण की पहचान के लिए विशेष जांच की आवश्यकता है। वर्तमान में बुखार से पीड़ित मरीजों के खून की जांच के बाद कोई स्पष्ट बीमारी नहीं मिल रही है, जिससे नई तरह के वायरस के फैलने की आशंका जताई जा रही है। पूर्णिया में वेसिकुलर वायरस से तीन मरीजों की मौत हो चुकी है, जिससे बीमारी की पहचान और उसके इलाज के लिए विशेष जांच की जरूरत महसूस हो रही है।