Restrictions on land sales for Goradih airport project: जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद, मंदिर न्यास समिति और वक्फ बोर्ड की जमीनों के संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। मंगलवार को आयोजित इस बैठक में अपर समाहर्ता, तीनों एसडीओ और डीसीएलआर शामिल थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य गोराडीह में हवाई अड्डे के लिए चिह्नित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाना था।
मंदिरों की जमीन का विवरण
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी निबंधित मंदिरों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर यह जानकारी ली जाए कि उनके पास पहले कितनी जमीन थी और वर्तमान में कितनी जमीन बची है। अगर सेवायतों ने मठ या मंदिर की जमीन बेची है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। तत्काल उस जमीन का खाता, खेसरा निबंधन कार्यालय को भेजकर खरीद-बिक्री पर रोक लगाई जाएगी।
वक्फ बोर्ड की जमीन का ब्यौरा
वक्फ बोर्ड की जमीनों के संदर्भ में जिलाधिकारी ने कहा कि डीसीएलआर वक्फ बोर्ड की जमीनों का ब्यौरा तैयार करेंगे। अवैध कब्जों की जानकारी मिलने पर उन जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इसके लिए वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से समन्वय स्थापित किया जाएगा।
विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन का अर्जन
बैठक में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भी जमीन अर्जन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के विकास के लिए जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजे जाएंगे। इस प्रक्रिया में बाबा अजगैबीनाथ मंदिर, गोनू धाम मंदिर और विक्रमशिला के पास की जमीनें शामिल होंगी।
कृषि पर रोक
सदर एसडीओ ने बताया कि बूढ़ानाथ मंदिर की पांच जगह जमीन है, जिसमें से कुछ पर लोग खेती कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि मंदिर की जमीन पर कोई खेती नहीं करेगा, और अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकार, जिलाधिकारी ने सुनिश्चित किया कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सरकारी महत्व की जमीनों का सही उपयोग हो और अवैध कब्जों पर रोक लगे।