Patna Metro progressing with funding delays trial run expected: पटना मेट्रो परियोजना तेजी से प्रगति कर रही है और इसके तहत 30.5 एकड़ में फैला मेट्रो डिपो तैयार किया जा रहा है। इस डिपो में लगभग 50 ट्रेनों को रखने की क्षमता होगी और यहाँ ट्रेनों का ट्रायल, रखरखाव और तकनीकी जांच जैसी गतिविधियाँ की जाएंगी।

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फंड मिलने में हो रही देरी

हालांकि, इस परियोजना के लिए जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (JICA) से मिलने वाले फंड में देरी हो रही है। पिछले साल राज्य सरकार और JICA के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन अभी तक फंड जारी नहीं किया गया है। अगर यह गतिरोध जारी रहता है, तो राज्य सरकार ट्रैक बिछाने और ट्रेन कोच लाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर सकती है।

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सिविल वर्क की प्रगति

जानकारी के अनुसार, इस परियोजना का 75 प्रतिशत सिविल वर्क पूरा हो चुका है। पाँचों एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन अगले छह महीनों में आकार ले लेंगे। इन स्टेशनों को प्री-फैब्रिकेटेड तकनीक से बनाया जाएगा, जिसका अर्थ है कि उन्हें वर्कशॉप में तैयार करके साइट पर स्थापित किया जाएगा। बाकी काम अगले पांच-छह महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद पटरी बिछाने का काम शुरू होगा और जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विधानसभा चुनाव से पहले ट्रायल रन

पटना में अगले साल (2025) अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पटना मेट्रो का ट्रायल रन हो सकता है। यह संभावना इसलिए है क्योंकि अगस्त से मेट्रो डिपो में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो जाएगा और मार्च तक डिपो के पूरा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में मेट्रो परियोजना का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।

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मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक का पहला चरण

पटना मेट्रो का पहला चरण मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक चलेगा, जिसमें पांच एलिवेटेड स्टेशन (मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और न्यू आईएसबीटी) होंगे। प्रायोरिटी कोरिडोर का 75 प्रतिशत काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही ट्रायल रन शुरू होने की संभावना है।