PAN Aadhaar linking mandatory penalties for non compliance: पैन और आधार कार्ड, दोनों ही भारतीय नागरिकों के महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है, जबकि आधार कार्ड भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा। इन दोनों दस्तावेजों को लिंक करना अब अनिवार्य कर दिया गया है। यह प्रक्रिया विभिन्न सरकारी कार्यों और योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। पैन-आधार लिंकिंग की अनुपस्थिति में जुर्माना लग सकता है और अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
आयकर नियम और जुर्माना
आयकर विभाग ने धारा 139एए के तहत पैन और आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई करदाता अपने पैन को आधार से लिंक नहीं कराता है, तो उसे 1,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा, यदि अंतिम तारीख तक पैन को आधार से लिंक नहीं किया जाता, तो पैन कार्ड निष्क्रिय हो सकता है। इस नियम का उद्देश्य टैक्स चोरी को नियंत्रित करना और उसे रोकना है।
छूट की स्थिति
कुछ लोगों को पैन-आधार लिंकिंग से छूट मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय जैसे राज्यों में रहने वाले नागरिकों को इस प्रक्रिया से छूट दी जाती है। इसके अतिरिक्त, 80 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन और भारत के बाहर के नागरिक भी इस नियम के दायरे में नहीं आते। गैर-निवासी कर योग्य व्यक्तियों को भी छूट प्राप्त है।
लिंक न होने पर उपाय
यदि पैन आधार से लिंक नहीं है, तो पैन स्टेटस इनऑपरेटिव के रूप में दिखाया जा सकता है। इस स्थिति में, टीडीएस की कटौती होती रहेगी। पैन को आधार से लिंक करने के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना देकर इसे सक्रिय किया जा सकता है। जुर्माना भरने के बाद, पैन स्टेटस ऑपरेटिव हो जाएगा और फॉर्म 26एएस में टीडीएस क्रेडिट दिखने लगेगा।