Nationwide shutdown on August 21st protest against reservation verdict: 21 अगस्त 2024 को पूरे देश में भारत बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब-केटेगरी बनाने के फैसले के विरोध में किया जा रहा है। यह फैसला 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने 6/1 के मत से सुनाया था। इस फैसले का विरोध कई दलित संगठनों द्वारा किया जा रहा है, जो इसे संविधान विरोधी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों के खिलाफ मानते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब-केटेगरी बनाई जा सकती है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सुनाया था, जिसमें छह जजों ने सहमति जताई थी। इस फैसले का विरोध करते हुए दलित संगठनों ने इसे जातिगत भेदभाव को और बढ़ाने वाला और संविधान के खिलाफ बताया है।
भारत बंद का उद्देश्य और असर
अनुसूचित जाति, जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने इस फैसले के विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। यह बंद सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा, जिसमें सभी दुकानें, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। वाहनों की आवाजाही पर भी रोक रहेगी, हालांकि आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। बंद का मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले को वापस लेने की मांग करना है।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस बंद को शांति से मनाने की अपील की है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें। वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस बंद का विरोध किया है और कहा है कि वे इसे समर्थन नहीं देंगे।