Khagaria: रेलवे स्टेशन और इसके आसपास के क्षेत्रों में व्यापक विकास कार्य चल रहे हैं, जिनका उद्देश्य क्षेत्र को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है। रैक प्वाइंट और आसपास के इलाकों को संवारने के लिए रेलवे ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चार करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न निर्माण कार्य किए गए हैं, और पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में कई ऐसे काम हो रहे हैं, जिनका बहुत दिनों से इंतजार था। विकास के इन प्रयासों से रैक प्वाइंट गुलजार हो रहा है और मजदूरों, मोटिया (मजदूरों की एक विशेष श्रेणी) सहित व्यवसायियों और रेल यात्रियों को लाभ मिल रहा है।
अमृत भारत योजना और जारी विकास कार्य
अमृत भारत योजना के तहत अभी बहुत से काम होने बाकी हैं, लेकिन बीते वर्षों में रेलवे स्टेशन और इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास के कई काम हुए हैं। इन कामों का लाभ आने वाले दिनों में खगड़िया के लोगों को मिलेगा। सोनपुर मंडल वाणिज्य विभाग द्वारा पीपीपी मोड से खगड़िया स्टेशन पर चार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग एक दर्जन विकास योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया है।
गोदाम निर्माण और सड़क चौड़ीकरण
जानकारी के अनुसार, स्टेशन परिसर क्षेत्र में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से गोदाम बनाया गया है। करीब एक करोड़ रुपये की राशि से 50 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया है। व्यवसायियों की सुविधा के लिए खगड़िया स्टेशन रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से में गोदाम का निर्माण किया गया है। पहले, मक्का व्यवसायियों को रैक पॉइंट पर माल लदान के समय खुले आसमान के नीचे अपना माल रखना पड़ता था। इसके अलावा, नियमानुसार व्यवसायियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर अपने माल लदान की प्रक्रिया पूरी करनी होती थी, जिससे रैक पॉइंट पर रैक लगने के बाद अफरातफरी की स्थिति बन जाती थी। गोदाम के निर्माण से व्यवसायियों को बारिश के मौसम में और माल को पहले से रखने की सुविधा मिलेगी।
मोटिया मजदूरों के लिए विश्रामालय
रैक प्वाइंट पर काम करने वाले करीब 400 मोटिया मजदूरों के आराम का भी रेल प्रशासन ने ख्याल रखा है। करीब 30 लाख रुपये की लागत से मोटिया मजदूरों के लिए एक लेबर रूम बनाया गया है। खगड़िया स्टेशन पर स्थित रैक पॉइंट पर माल लदान को लेकर 400 से अधिक मोटिया मजदूर दशकों से अपनी सेवा दे रहे हैं। रेलवे द्वारा मोटिया मजदूरों के लिए रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से में लेबर रूम का निर्माण किया गया है, जिसमें विश्रामालय, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है।
पीपीपी मोड पर नल और पेयजल सुविधाएँ
पीपीपी मोड पर पांच लाख रुपये की लागत से रैक पॉइंट के आसपास 10 जगहों पर 40 नल लगाए गए हैं, जिससे मोटिया मजदूरों को पेयजल के साथ-साथ स्नान करने और साफ-सफाई में सुविधा हो रही है। माल बाबू कार्यालय के लिए 20 लाख रुपये की लागत से गुड सेड का निर्माण हुआ है। दशकों पहले बना माल बाबू का कार्यालय भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका था, जिससे कार्य संचालन और फाइलों के रखरखाव में परेशानी हो रही थी। गुड सेट भवन के निर्माण से माल बाबू को अपने कार्यालय संचालन में सुविधा मिल रही है। व्यवसायियों और मजदूरों की परेशानी को देखते हुए वाणिज्य विभाग ने पीपीपी मोड से कैंटीन भवन का निर्माण कराया है, जिससे व्यवसायियों और मजदूरों को चाय-नाश्ता के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
सड़क चौड़ीकरण और जाम से राहत
रैक प्वाइंट स्थित सेकंड एंट्री भवन के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से की दो-दो सौ मीटर सड़क को 50 फीट चौड़ा किया गया है, जिससे रैक पॉइंट पर माल लदान के समय भारी वाहनों का ठहराव आसान हो गया है। सड़क के चौड़ीकरण से जाम की समस्या से राहत मिली है। सेकंड एंट्री भवन के उत्तरी हिस्से की मथुरापुर ढाला से सन्हौली ढाला तक बनी सड़क से रेल यात्रियों और आम लोगों को आवागमन में सुविधा हो रही है। 20 लाख रुपये की लागत से रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से की सड़क पर पीपीपी मोड से दो हाई मास्ट लाइट लगाई गई हैं।
गड्ढे की मिट्टी भराई और वाणिज्यिक उपयोग
रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से में स्थित पांच एकड़ से अधिक भूभाग गड्ढा था, जिसकी मिट्टी भराई कर उसे उपयोग में लाने के लायक बनाया गया है। रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से के गड्ढे की भराई कर उसे वाणिज्यिक उपयोग में लाने की योजना तैयार की गई है। सीनियर डीसीआइ कुमुद रंजन ने बताया कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन से कार्यालय से रेल यात्रियों, मजदूरों, व्यवसायियों और आम लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।
विकास कार्यों के लाभ
विकास के इन कार्यों से क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। व्यवसायियों को माल लदान में सुविधा मिली है, मजदूरों के लिए विश्राम और पेयजल की व्यवस्था हुई है और आमलोगों को सड़क चौड़ीकरण और प्रकाश व्यवस्था का लाभ मिला है। इन कार्यों से न केवल स्थानीय लोगों को फायदा हो रहा है, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान मिल रहा है।
भविष्य की योजनाएं
अमृत भारत योजना के तहत अभी बहुत से काम बाकी हैं, जिनके पूरा होने से खगड़िया के लोगों को और अधिक लाभ मिलेगा। रेलवे और संबंधित विभागों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी योजनाएं समय पर पूरी हों और उनका सही तरीके से उपयोग हो। इससे क्षेत्र का विकास तेजी से हो सकेगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
रेलवे स्टेशन और इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों, व्यवसायियों और मजदूरों को विभिन्न सुविधाएं मिल रही हैं। इन कार्यों के माध्यम से न केवल क्षेत्र का भौतिक विकास हो रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। पीपीपी मोड में किए जा रहे ये कार्य अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मॉडल साबित हो सकते हैं, जिससे अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी प्रकार के विकास कार्य किए जा सकें।
इन विकास कार्यों का सही तरीके से उपयोग और समय पर पूरा होना सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। इससे खगड़िया के लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और उनका जीवन स्तर ऊँचा उठ सकेगा। विकास के ये कदम क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और खगड़िया को एक नया रूप देंगे।