असम के लेटेस्ट इकॉनमिक सर्वे में चिंताजनक खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में स्टूडेंट्स के ड्रॉपआउट का सिलसिला लगातार कई साल से बढ़ रहा है। यह तब है, जब राज्य सरकार की ओर से स्थिति को सुधारने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं।

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ड्रॉपआउट रेट में लगातार वृद्धि
  • साल 2022-23 के दौरान लोअर प्राइमरी स्कूलों में औसतन एनुअल ड्रॉपआउट रेट 8.49 फीसदी था।
  • साल 2018-19 में यह 3.1 पर्सेंट था, जो 2019-20 में बढ़कर 4.3 फीसदी हो गया और 2021-22 में 6.02 पर्सेंट पहुंच गया।
  • अपर प्राइमरी स्कूलों में साल 2021-22 के दौरान ड्रॉप आउट रेट 8.81 पर्सेंट था, जो 2022-23 में बढ़कर 10.33 पर्सेंट हो गया।
कहां है सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट रेट?
  • लोअर प्राइमरी स्कूलों में सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट रेट साउथ सालमरा में दर्ज किया गया। यहां पिछले वित्तीय वर्ष में 22.52 पर्सेंट ड्रॉपआउट दर्ज किया गया।
  • अपर प्राइमरी लेवल पर भी साल 2022-23 के दौरान सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट रेट 32.39 फीसदी साउथ सालमरा जिले में रहा।
असम में कितने प्राइमरी स्कूल?
  • राज्य में 33,937 सरकारी और प्रांतीय लोअर प्राइमरी स्कूल हैं।
  • 5815 अपर प्राइमरी स्कूल हैं।
GER में इजाफा
  • भले ही ड्रॉपआउट रेट बढ़ रहा है, लेकिन ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (GER) में हर साल इजाफा हो रहा है।
  • कक्षा एक से आठवीं के GER की बात करें तो साल 2021-22 में यह बढ़कर 109.8 पर्सेंट हो गया।
सरकार की ओर से क्या प्रयास?
  • राज्य सरकार ड्रॉपआउट रेट को कम करने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
  • इन योजनाओं के तहत छात्रों को मुफ्त शिक्षा, किताबें, मिड-डे मील और छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

ड्रॉपआउट रेट में कमी लाना शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। सरकार और समाज को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा।

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Anshu Pandey associated with Angika Times from 2024. He has 3 Years of Experience in Journalism. He writes Share Market, Business News as well as Latest News. She can be contacted on - anshu@angikatimes.com

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