भारत सरकार ने Critical Mineral यानी दुर्लभ खनिजों के खदानों की नीलामी शुरू कर दी है। पहले चरण में 20 खदानों की नीलामी की गई है, जिसमें Vedanta, Coal India, Ola Electric जैसी कई बड़ी कंपनियों ने बोली लगाई है।
इन खदानों में लिथियम, ग्लौकोनाइट, निकेल, पोटाश, ग्रेफाइट, मोलिब्डेनम, फॉस्फोराइट और रेयर अर्थ एलीमेंट्स जैसे खनिज पाए जाते हैं। ये खदानें बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में स्थित हैं।
दूसरे चरण में 18 और खदानों की नीलामी होने की बात कही जा रही है।
यह नीलामी भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है, जिसके तहत भारत को खनिजों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है।
आसान शब्दों में:
- भारत सरकार ने दुर्लभ खनिजों की खदानों की नीलामी शुरू की है।
- पहले चरण में 20 खदानों की नीलामी हुई है।
- Vedanta, Coal India, Ola Electric जैसी कंपनियों ने बोली लगाई है।
- ये खदानें 8 राज्यों में स्थित हैं।
- दूसरे चरण में 18 और खदानों की नीलामी की सम्भावना है।
- यह नीलामी भारत को खनिजों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए की जा रही है।
जरूरी बातें:
- सरकार ने Critical Mineral के उत्खनन की प्रक्रिया तेज़ कर दी है।
- पहले चरण में 20 ब्लॉक की नीलामी में 50 से ज्यादा बोलियां मिली हैं।
- Ola Electric जैसी कंपनियों ने भी नीलामी में दिलचस्पी दिखाई है।
- सरकार ने अगले दौर में 18 मिनरल ब्लॉक नीलाम करने की घोषणा की है।
यह नीलामी भारत के लिए जरूरी है क्योंकि:
- यह भारत को खनिजों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
- इससे देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।