भारत: कई सालों तक हमारे देश भारत में लकड़ियों का इस्तेमाल कर और मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाया जाता था। जैसे-जैसे भारत ने तरक्की की वैसे-वैसे यह चूल्हे अब बहुत कम इस्तेमाल होते हैं। पर अब भी कई जगह यही चूल्हे इस्तेमाल होते हैं। और इस बदलती दुनिया में अब खाना एलपीजी सिलेंडर के माध्यम से पकाया जाता है। पर इस सिलेंडर में एक परेशानी होती है कि इसके खत्म होने के बाद इसको रिफिल करवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पर अब जल्दी जैसे पाइपों के माध्यम से जैसे पानी हमारे घरों तक पहुंचाया जाता है। वैसे ही एलपीजी सिलेंडर की जगह लेते हुए अब पाइपलाइन के माध्यम से रसोई गैस को घरों तक पहुंचाया जाएगा। जिसमें लोगों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना होगा।
जल्द होगा रसोई गैस को पाइपलाइन के माध्यम से घर तक पहुंचाने का कार्य शुरू
अभी काफी लोगों को एलपीजी सिलेंडरों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि इसके अंदर के गैस को खत्म होने के बाद इसे दोबारा से रिफिल करवाना पड़ता है। और कई जगहों पर अब तक इसकी डिलीवरी नहीं हो पाती। जिसकी वजह से लोगों को दुकानों तक या किसी नजदीकी जगह पर जाना पड़ता है, जहां पर वह सिलेंडर उपलब्ध हो पर सिलेंडरों का वजन इतना ज्यादा होता है की आम लोगों को उसे उठाकर घर तक लाने में काफी समस्या होती है।
और इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए इंडियन ऑयल द्वारा घरों तक रसोई गैस को पाइपलाइन के माध्यम से पहुंचने का काम बड़ी तेजी से चल रहा है। वहीं इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने नगर निगम को पूर्व और पश्चिम में जो सब स्टेशन बनाए जाएंगे और जो पाइपलाइन बिछाई जाएगी उसके एनओसी के लिए पत्र लिखकर दिया है।
वहां के अधिकारियों ने यह भी बताया कि हाथीदाह में इंडियन ऑयल का सबस्टेशन है। और वहां से मुंगेर तक पाइपलाइनों को बचाने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके बाद अब मुंगेर मिर्जा चौकी के रास्ते से अब पाइपलाइनों को भागलपुर लाया जाएगा। जिसके लिए उन्होंने इस काम के लिए एनएचआई को पत्र लिखा है।
बताया जा रहा है कि भागलपुर में दो सबस्टेशन बनाए जाएंगे जिससे हर घर में रसोई गैस पाइप लाइनों के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। जिसके बाद लोगों को गैस सिलेंडर की परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा।