FSSAI guidelines help identify adulterated spices for safety: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने उपभोक्ताओं को नकली मसालों की पहचान के तरीके बताए हैं। हमारे रोज़मर्रा के जीवन में मसाले महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन इनकी मिलावट स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। आइए जानें, FSSAI के अनुसार नकली मसालों की पहचान कैसे करें।
काली मिर्च में मिलावट की पहचान
FSSAI के अनुसार, काली मिर्च की शुद्धता की जांच के लिए सफेद पेपर पर थोड़ी काली मिर्च रखें और मैग्नीफाइंग ग्लास से देखें। शुद्ध काली मिर्च के बीज भूरे रंग के, झुर्रीदार सतह वाले और स्वाद में अच्छे होंगे। मिलावटी बीज सिकुड़े हुए, चिकनी सतह वाले, और हरे-भूरे या काले-भूरे रंग के होते हैं।
धनिया पाउडर में मिलावट
धनिया पाउडर में लकड़ी का बुरादा और गोबर का पाउडर मिलाया जा सकता है, जिससे इसका वजन और रंग गहरा हो जाता है। इस मिलावट से पेट में संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
जीरा में मिलावट की पहचान
जीरे में काले रंग के घास के बीज मिलाए जा सकते हैं, जो जीरे की तरह दिखते हैं। इससे सांस की समस्या और पेट की समस्या हो सकती है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
हल्दी में मिलावट
हल्दी के रंग को बढ़ाने के लिए लीड क्रोमेट और मेटानिल येलो मिलाया जाता है। इससे लीड पॉइजनिंग, किडनी और लीवर की समस्या हो सकती है। मेटानिल येलो से कैंसर, पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लाल मिर्च पाउडर में मिलावट
लाल मिर्च के रंग को बढ़ाने के लिए इसमें कृत्रिम रंग और ईंट का पाउडर मिलाया जाता है। इससे पेट में जलन, पाचन समस्या, कैंसर, लीवर खराब होने और एलर्जी की समस्या हो सकती है।
मिलावटी मसालों के स्वास्थ्य पर प्रभाव
देश के कई टॉप मसाला ब्रांड्स के मसालों में कैंसर पैदा करने वाला रसायन ‘इथाइलीन ऑक्साइड’ पाया गया है। नकली मसाले सड़े हुए पत्तों, चावल, खराब ज्वार, मिर्च के छिलकों, एसिड और घटिया तेल से बनाए जाते हैं। नकली और मिलावटी मसाले खाने से एलर्जी, लीवर और किडनी का डैमेज, पाचन तंत्र खराब होना, उल्टी, विषाक्ता, सांस की समस्या, दस्त और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। देश की राजधानी दिल्ली में मई में एक छापेमारी के दौरान 1500 टन नकली मसाले जब्त किये थे जिनसे किसी भी स्वस्थ इंसान को कैंसर हो सकता है।
मसालों में मिलावट एक गंभीर समस्या है और इससे बचने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक होना आवश्यक है। FSSAI के सुझावों को अपनाकर हम मिलावटी मसालों की पहचान कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।