भारत में कई प्रकार के फल उपलब्ध हैं। जो कि कई तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता शरीर को प्रदान कर सकते हैं। परंतु भारत के मार्केट में ऐसे फल भी उपलब्ध है। जिसका सेवन करने से आपके शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है। क्योंकि आज के समय में कई तरह के केमिकल्स की मदद से फलों को पकाया जाता है। जिससे कि उनसे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा प्राप्त किया जा सके।

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यदि आपने फलों की दुकानों पर गौर किया होगा तो वहां पर फलों के ऊपर कई तरह के स्टिकर लगे हुए होते हैं। परंतु कई लोगों को यह लगता है कि स्टिकर सिर्फ कंपनियों के नाम को बताने के लिए लगाया जाता है। यदि आप स्टिकर पर ध्यान देंगे तो उन पर कई तरह के नंबर लिखे होते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं की स्टिकर पर लिखे हुए नंबरों का क्या महत्व होता है।

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क्यों लिखे होते हैं स्टिकर पर नंबर?

  • आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें की पांच अंकों वाला नंबर यह बताता है कि यह फल ऑर्गेनिक तरीके से तैयार हुए हैं और ज्यादातर आपको इसी तरह के फलों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसे खाने से आपको किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होगी।
  • यदि बात करें चार अंकों वाले नंबर की तो यह बताता है कि फल केमिकल और दवाइयां की मदद से तैयार किया गया है और इस तरह के फल आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक है।
  • यदि कोई किसी स्टीकर पर नंबर 9 से शुरू होता है तो इसका यह मतलब है कि वह फल जैविक खेती के द्वारा उगाया गया है।
  • आठ नंबर से शुरू होने वाले कोड का मतलब यह है कि वह फल नॉन ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया गया है।
  • चार अंकों के स्टीकर लगे हुए फलों को कभी नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हानिकारक हो सकता है।