Bhagalpur Nagar Nigam And Electricity Department : भागलपुर नगर निगम और बिजली विभाग के बीच वर्षों पुराने बकाया बिल को लेकर विवाद चल रहा है। यह विवाद फिर से गरमा गया है, जिसके कारण लोहिया पुल पिछले पांच दिनों से अंधेरे में है। विवाद के कारण दोनों विभाग एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं, जिससे आम जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बार इस विवाद का असर सीधे राहगीरों पर पड़ा है क्योंकि पुल का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है।

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पुल पर अंधेरा और सुरक्षा चिंता

लोहिया पुल पर अंधेरा होने के कारण यहाँ की सुरक्षा चिंता का विषय बन गई है। पहले यहाँ गश्ती गाड़ियां नियमित रूप से रुकती थीं, जिससे पुल पर सुरक्षा का एक वातावरण बना रहता था। अब, अंधेरे के कारण गश्ती गाड़ियां भी नहीं रुकती हैं। रात 10 बजे के बाद पुल पर चहल-पहल कम हो जाती है और रात के समय यह पूरी तरह से सुनसान हो जाता है। खासकर रात एक बजे से तीन बजे तक यह पुल लगभग खाली हो जाता है, जिससे यात्रियों को असुरक्षित महसूस होता है।

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राहगीरों की समस्याएं

राहगीरों के लिए लोहिया पुल पर अंधेरे में यात्रा करना बहुत कठिन हो गया है। ट्रेन से उतरने के बाद या आपात स्थिति में घर से निकलने वाले लोग जब इस पुल से गुजरते हैं, तो अंधेरे में डूबा यह पुल डरावना लगता है। दक्षिणी शहर के निवासी मुकेश और विजय ने बताया कि रात में पुल से गुजरते समय उन्हें डर महसूस हुआ। अंधेरे के कारण वे असुरक्षित महसूस करते हैं और उन्हें लगता है कि पुल पर सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है।

स्मार्ट मीटर लगने का दावा

नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि लोहिया पुल पर बिजली बंद होने का कारण स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया है। योजना शाखा की ओर से बताया गया है कि अस्थायी रूप से बिजली बंद की गई है ताकि स्मार्ट मीटर लग सके। हालांकि, सामान्यतया, स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया के दौरान बिजली इतनी लंबी अवधि के लिए बंद नहीं रहती है। आमतौर पर, पुराने इलेक्ट्रिक मीटर को हटाने और नए स्मार्ट मीटर को इंस्टाल करने के बीच की अवधि में ही बिजली बंद रहती है और इंस्टॉलेशन के तुरंत बाद बिजली चालू हो जाती है।

विवाद का मूल कारण

विवाद का मुख्य कारण नगर निगम और बिजली विभाग के बीच बकाया बिल और तार-पोल के टैक्स को लेकर है। बिजली विभाग नगर निगम से बकाया बिजली बिल की मांग कर रहा है, जबकि नगर निगम का दावा है कि बिजली विभाग को शहरी क्षेत्र में लगे तार-पोल के लिए टैक्स देना चाहिए। इस विवाद के कारण दोनों विभागों के बीच कोई समझौता नहीं हो पा रहा है। हाल ही में, नगर निगम ने एक करोड़ से अधिक राशि बिजली बिल के रूप में जमा की है, लेकिन इसके बावजूद विवाद का समाधान नहीं हो सका है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस संबंध में नगर निगम के सिटी मैनेजर से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। योजना शाखा की ओर से बताया गया कि स्मार्ट मीटर लगाना है और इसके लिए अस्थायी रूप से बिजली बंद की गई है। लेकिन इस दावे को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि आमतौर पर स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान इतनी लंबी अवधि के लिए बिजली नहीं बंद की जाती।

विवाद के निहितार्थ

यह विवाद न केवल प्रशासनिक स्तर पर समस्याएं पैदा कर रहा है, बल्कि इसका सीधा असर जनता पर भी पड़ रहा है। लोहिया पुल पर अंधेरा रहने से वहां की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा दोनों प्रभावित हो रही हैं। यह विवाद एक बड़ी समस्या का संकेत है जो नगर निगम और बिजली विभाग के बीच बेहतर समन्वय और समाधान की आवश्यकता को दर्शाता है। दोनों विभागों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि जनता को राहत मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके।

आगे का रास्ता

विवाद का समाधान निकालने के लिए नगर निगम और बिजली विभाग को अपने-अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों को समझना होगा। एक दूसरे के साथ बैठकर और बातचीत करके एक ऐसा समाधान निकालना होगा जिससे दोनों पक्षों के हित सुरक्षित रहें और जनता को परेशानी न हो। अगर यह विवाद जल्द ही सुलझा लिया जाता है, तो न केवल लोहिया पुल की समस्या हल होगी, बल्कि यह अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए एक मिसाल बन सकता है।