Doctor protests disrupt services over 700 patients affected: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पीजी प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ डॉक्टरों का आंदोलन बुधवार को भी जारी रहा। इस विरोध के तहत, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ पटना (भासा) के निर्देश पर 14 अगस्त को सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों का इलाज रोक दिया गया। इलाज के दौरान लगभग 150 मरीजों को देखा गया, लेकिन ओपीडी बंद होने के बाद 700 से अधिक सामान्य मरीज बिना इलाज के लौट गए।

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सदर अस्पताल और मायागंज अस्पताल की स्थिति

सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज बाधित कर दिया और रजिस्ट्रेशन व दवा वितरण काउंटर भी बंद कर दिए। इस कारण कई मरीज, जिनमें गर्भवती महिलाएं, बच्चे और वृद्ध शामिल थे, मायागंज अस्पताल की ओर रवाना हो गए। मायागंज अस्पताल में इलाज की व्यवस्था जारी रही और वहां पर 1740 मरीजों का इलाज किया गया। ओपीडी में भीड़ की वजह से मरीजों को कतार में खड़ा रहना पड़ा।

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रोगियों की समस्याएं और प्रतिक्रिया

सदर अस्पताल में ओपीडी बंद होने के बाद कई मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। मरीजों ने बताया कि उन्हें ओपीडी बंद होने की जानकारी नहीं थी और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया। हालांकि, डॉक्टरों के साथ हुए अपराध के प्रति वे सहानुभूति जताते हैं, लेकिन उन्होंने इलाज की सुविधा के बिना लौटने पर चिंता व्यक्त की।

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समाधान की दिशा में प्रयास

मायागंज अस्पताल में भीड़ को संभालने के लिए दो पालियों में इलाज की व्यवस्था की गई और मंगलवार के मरीजों का इलाज बुधवार को किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी सेवाओं में व्यवधान हुआ था, जिसका समाधान किया जा रहा है।