Delhi orders review of illegal constructions since 2007: दैनिक जागरण को दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी एक आदेश में हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत सभी 12 जोन के अधिशासी अभियंताओं से आठ फरवरी 2007 से पांच अगस्त 2024 तक के अवैध निर्माण और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। इसमें संपत्ति के मालिक की जानकारी और वर्तमान स्थिति भी शामिल है।
अनधिकृत कॉलोनियों में अवैध निर्माण
दिल्ली में अवैध निर्माण को लेकर दिल्ली स्पेशल प्रोविजन एक्ट है, जिसके तहत नियमित कॉलोनियों में अवैध निर्माण को आठ फरवरी 2007 तक संरक्षण प्राप्त है। अनधिकृत कॉलोनियों में अवैध निर्माण को एक जून 2014 तक संरक्षण मिला है। इसके बाद हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा सकती है।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता
हाईकोर्ट ने न्यू फ्रैड्स कॉलोनी में अवैध निर्माण पर सुनवाई के दौरान निगम से अवैध निर्माण की जानकारी मांगी थी। इससे बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की जानकारी सामने आ सकती है। ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना और सुप्रीम कोर्ट की गठित मॉनीटरिंग कमेटी की सक्रियता के बाद, जून 2014 के बाद अनधिकृत कॉलोनियों में हुए अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ का खतरा बढ़ गया है।
तोड़फोड़ का खतरा
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद, दिल्ली के लाखों मकानों पर तोड़फोड़ का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में जून 2014 के बाद कम से कम 10 लाख संपत्तियां हैं जिनका निर्माण हुआ है।