Bihar’s flood protection plans aim for safer areas: बिहार में बाढ़ प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सिकरहना, कमला बलान फेज-2, बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना, और बागमती-बूढ़ी गंडक लिंक योजना का कार्य प्रस्तावित किया गया है। इस साल इन योजनाओं पर एक अरब 68 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है, जिससे 162 किलोमीटर क्षेत्र में नए तटबंधों का निर्माण होगा और चार लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र बाढ़ से सुरक्षित होगा।
बागमती और महानंदा पर तटबंध निर्माण
बागमती बाढ़ प्रबंधन के फेज-2 से फेज-5 तक तटबंध बनाए जाएंगे। इसके साथ ही, महानंदा, बक्सर-कोईलवर, और अधवारा-समूह-झीम-जमूरा में भी तटबंध निर्माण की योजना है। इन सात योजनाओं पर 6 अरब 18 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है और इन्हें वर्ष 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के तहत कुल 552 किलोमीटर क्षेत्र में तटबंध निर्माण होगा, जिससे 19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से सुरक्षित होगा।
चौथे कृषि रोडमैप में तटबंध योजनाओं की चर्चा
सरकार ने चौथे कृषि रोडमैप में तटबंध योजनाओं को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। इसमें एक श्रेणी में 11 और दूसरी श्रेणी में चार योजनाओं को शामिल किया गया है। पहली श्रेणी की 11 परियोजनाओं पर इस साल कुल 6 अरब 72 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि दूसरी श्रेणी की चार योजनाओं पर एक अरब 68 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कुल मिलाकर, 15 नदी परियोजनाओं पर आठ अरब 40 करोड़ रुपये खर्च की योजना है।
बिहार बाढ़: राज्य की तैयारी
बिहार में 68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है, और इसे सुरक्षित रखने की कवायद की जा रही है। कई नदियों पर तटबंध बनाने की योजना तैयार की गई है। इस साल इन योजनाओं से कुल 9.6318 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से सुरक्षित होगा और 15 नदी परियोजनाओं में तटबंध निर्माण कार्य प्रस्तावित है।
बिहार बाढ़: सरकार का प्लान
बिहार में इस वर्ष नौ लाख हेक्टेयर जमीन को बाढ़ से सुरक्षित करने की योजना है। बागमती बाढ़ प्रबंधन के फेज-2 से फेज-5 तक तटबंध बनेंगे और महानंदा, बक्सर-कोईलवर, और अधवारा-समूह-झीम-जमूरा में भी तटबंध निर्माण होगा। इन सात योजनाओं पर 6 अरब 18 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।