Bihar mandates university commission for higher education appointments: बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि अब राज्य के सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति केवल विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से ही की जाएगी। यह घोषणा उन्होंने सोमवार को विधानसभा में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग संशोधन विधेयक और विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक के संबंध में सरकार का पक्ष रखते हुए की। इस मौके पर उन्होंने सदन पटल पर दोनों विधेयक पेश किए।
संशोधन की आवश्यकता
मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग को बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 और पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 के तहत संचालित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ही शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार था। इसी वजह से बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग अधिनियम 2017 में संशोधन की आवश्यकता पड़ी। अब, शिक्षा विभाग के अधीन अन्य उच्चतर संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षकों की परिभाषा को भी व्यापक बनाया जा रहा है।
व्यापक अधिकार और नई परिभाषा
इस संशोधन के तहत, विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सभी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्राधिकृत किया जा रहा है। यह कदम शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक संगठित और पारदर्शी बनाएगा, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार की उम्मीद की जा सकती है। विपक्ष की गैरमौजूदगी में इस विधेयक को पारित कर दिया गया।
ऑनलाइन परीक्षा का अधिकार
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक भी पेश किया। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए विद्यालय परीक्षा समिति को जरूरी अधिकार दिए जाएंगे। इसके तहत, प्रतियोगी परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने के लिए समिति को सक्षम बनाया जा रहा है। यह विधेयक भी विधानसभा में पारित कर दिया गया है।
इस प्रकार, बिहार सरकार ने उच्चतर शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया और प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इन बदलावों से शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं।