Bhagalpur administration investigates coaching centers for safety compliance: भागलपुर जिला प्रशासन ने जिले में संचालित विभिन्न कोचिंग संस्थानों की जांच कराने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने अनुमंडलवार जांच के लिए कमेटी का गठन किया है, जिसमें संबंधित क्षेत्र के एसडीओ अध्यक्ष बनाए गए हैं। कमेटी के अन्य सदस्यों में अनुमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, और थानाध्यक्ष शामिल हैं। इस कमेटी को 16 अगस्त तक संयुक्त जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

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जांच के मानक

जांच के मानकों में कोचिंग संस्थानों के विधिवत निबंधन की स्थिति, सुरक्षा मानकों का अनुपालन, संस्थान से संबद्ध कोर्स, नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या, उपस्कर, प्रकाश, पेयजल, शौचालय, बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन, फायर एग्जिट की व्यवस्था, प्रवेश और निकास द्वार की पर्याप्त व्यवस्था, पार्किंग और आकस्मिक स्थिति से निबटने की व्यवस्था शामिल हैं।

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निबंधन की प्रक्रिया में देरी

जिले में 266 कोचिंग इंस्टीट्यूट को निबंधित करने की प्रक्रिया में जिला शिक्षा कार्यालय की लापरवाही की वजह से अब जिला प्रशासन उन संस्थानों की जांच करेगा। 2010 के बाद बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम लागू होने के बाद 2012 से भागलपुर में निबंधन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। 2012-13 में 49 संस्थानों और 2016 में 217 संस्थानों ने निबंधन के लिए आवेदन किया था।

दिल्ली घटना के बाद सख्ती

हाल ही में नयी दिल्ली स्थित राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन विद्यार्थियों की मौत हो जाने के बाद इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए यह जांच कराने का निर्णय लिया गया है।

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उद्देश्य और लक्ष्य

इस कदम का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा और मानकों का पालन सुनिश्चित करना है ताकि भविष्य में ऐसी कोई अप्रिय घटना न हो सके। जिला प्रशासन का यह निर्णय छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।