Gyanvapi : काफी लंबे समय के इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना हुई, जिससे पुरे देश में ख़ुशी की लहर है। वही दूसरी और  ज्ञानवापी परिसर का मामला भी पुरातत्व विभाग के रिपोर्ट के बाद चर्चा में आ गया है। ज्ञानवापी  काफी लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है।  हिंदुओं ने या दावा किया था कि ज्ञानवापी में स्थित मस्जिद भी पहले मंदिर हुआ करता था । इस मुद्दे पर भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने अपनी  सर्वे शुरू की थी, जिसकी रिपोर्ट कल रात 10:00 बजे सौंप दी गई है।

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ASI की रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा

भारतीय पुरातत्व  विभाग (ASI) की इस रिपोर्ट से एक बड़ा खुलासा हुआ है , जिसमें ज्ञानवापी में मस्जिद के पहले एक बड़े हिंदू मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं।  रिपोर्ट में यह कहा गया है कि 17वीं शताब्दी के आसपास ज्ञानवापी में मंदिर के जगह मस्जिद बनाया गया है।  रिपोर्ट के अनुसार परिसर में करीब 32 शिलापट्ट  और पत्थर मिले हैं जो हिंदू मंदिर होने के प्रमाण है । मिले शिलापट्ट में से एक  में जनार्दन, उमेश्वर और रुद्र लिखा है जबकि बाकी शीलापट्टों में  महा मुक्ति मंडप लिखा है। केवल इतना ही नहीं मस्जिद के कई हिस्सों में भी मंदिर जैसी आकृति देखने को मिली है। वहीं कुछ खंबों  से हिंदू चिन्ह  को मिटाया भी गया है ।

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हिंदू पक्ष के लोगों ने रख दी ये मांग

इस रिपोर्ट के आते हैं हिंदू पक्षों ने मस्जिद परिसर में पूजा पाठ करने की मांग की है।  वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह इस रिपोर्ट से सहमत नहीं है और इस लड़ाई को आगे तक लड़ेंगे।

क्या था ज्ञानवापी का मामला

गौरतलब  है कि हिंदू पक्षों ने यह दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के जगह पहले मंदिर हुआ करता था।  जिसे 17 वीं  शताब्दी में तोड़कर मस्जिद बना दिया गया है। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग होने की भी बात कही गयी थी जिसे मुस्लिम पक्षों ने फव्वारा बताया था।  इस मामले को लेकर हिंदू पक्षों ने कोर्ट में अपील किया था। इसके बाद अदालत ने इस परिसर के सर्वे का आदेश जारी किया था।

Monika Pandey associated with Angika Times from 2024. She has 2 Yeras of Experience in Journalism. She writes Automobiles and Business News. She can be contacted on- hellomonika@angikatimes.com

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