Kosi erosion accelerates many houses in crisis: भागलपुर के सिंहकुंड गांव में कोसी नदी का कटाव तेज हो गया है। यहां 15 घर कोसी के मुहाने पर हैं, जो किसी भी समय नदी में समा सकते हैं। कटाव की रफ्तार को देखते हुए लोग अपने घरों को खुद तोड़कर सामान के साथ पलायन की तैयारी कर रहे हैं। कुछ लोग सुरक्षित जगह पर चले गए हैं।
ताश के पत्तों की तरह गिरा मकान
सिंहकुंड गांव में कोसी नदी भीषण कहर बरपा रही है। एक दर्जन से अधिक मकान कोसी नदी में समा गए हैं। एक वीडियो में देखा गया कि एक पक्का मकान ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर कोसी नदी में समा गया। बीते 20 दिनों से भीषण कटाव हो रहा है, जिसमें एक सप्ताह में आठ लोगों का घर नदी में समा गया।
विस्थापित परिवारों की मुश्किलें बढ़ी
जिलेबियामोड़ के पास अब तक बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है। विस्थापित परिवार सुरक्षित माहौल में जीवन जीने को विवश हैं। अधिकारियों ने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए हर संभव मदद की जा रही है।
नदी के गर्भ में समा रहे आशियाने
सभी पीड़ित खुले आसमान के नीचे जीने को विवश हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लगातार लोगों का आशियाना नदी के गर्भ में समा रहा है। कटाव पीड़ित परिवारों को अब तक सरकारी सहायता के नाम पर सिर्फ प्लास्टिक मिला है। एक भी पीड़ित को किसी भी प्रकार की राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
कोसी निगल रही घर-मकान
सिंहकुंड के जिलेबियामोड़ टोला में शिवनंदन राय, बबीता देवी, मुरसीद नदाफ, रसूल नदाफ, इंसुल नदाफ और छर्रापट्टी टोला के अमर राय, कुंवर राय, कमलेश राय और संयोग राय के घर कटकर नदी में समा चुके हैं। पहले भी गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों के घर नदी में समा चुके हैं।
भागलपुर का सिंहकुंड गांव कोसी की तबाही से उजड़ा
बिहार के भागलपुर में सिंहकुंड गांव में कोसी की तबाही जारी है। रोज अनेकों घर ढहकर नदी में समा रहे हैं, जिससे गांव में दहशत का माहौल है।