टेक्नोलॉजी: हम अगर टेक्नोलॉजी की बात करें तो विज्ञान में काफी तरक्की कर ली है। इसी तरह की के साथ-साथ कई तरह के क्राइम भी बढ़ गए हैं। अगर हम बात करें अपने मोबाइल फोन की तो पहले यह सिर्फ बात करने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता था। पर अब यह सिर्फ मोबाइल ना रहा अब यह स्मार्टफोन बन चुका है। जिसमें लोग अपने सारे जरूरी काम जैसे ऑनलाइन भुगतान करना या ऑनलाइन खरीदी करना यह सब जरुरी काम करते हैं। पर इन्हीं के साथ-साथ कई साइबर क्राइम बढ़ गए हैं।
जो हमारे स्मार्टफोन के माध्यम से किए जाते हैं। जिन्हें हम साइबर क्राइम के नाम से जानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे साइबर क्राइम के बारे में बताएंगे जो आपके साथ भी हो सकता है।
कैसे होता है यह अपराध?
हम आपको बता दें कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते युग में स्मार्टफोन हर इंसान की पहली जरूरत बन चुका है। अब इंसान सुबह उठते ही सबसे पहले अपने स्मार्टफोन को चेक करता है। उसके बाद ही अपने कोई दूसरे काम की ओर बढ़ता है। यहां तक की लोग अब ऑनलाइन पेमेंट भी स्मार्टफोन के माध्यम से इस्तेमाल करते हैं।
इस टेक्नोलॉजी के बढ़ते युग की वजह से कई तरह के ऑनलाइन क्रीम भी स्मार्टफोन के माध्यम से किए जाते हैं। जिन्हें हम साइबर क्राइम के नाम से जानते हैं। और अब साइबर हैकर्स हमारे स्मार्टफोन के कैमरे का इस्तेमाल कर हमारी सारी हरकतों पर नजर रखते हैं। और यह सारे काम या तो स्पाइवेयर की मदद से करते हैं। या तो किसी ऐसे स्मार्टफोन ऐप की मदद से करते हैं। जो की या तो उन्हीं के द्वारा बनाया हुआ होता है। या तो वह उसे ऐप को कुछ हद तक अपने कब्जे में कर लेते हैं। और इन्हीं सब चीजों की मदद से वह हैकर्स आपको आप ही के कैमरे के द्वारा जो कुछ देखा गया है उसे रिकॉर्ड कर आपको ब्लैकमेल कर सकते है।
कैसे बचे ?
हम आपको यह बता दें कि अभी के समय पर आपके स्मार्टफोन में अगर कोई भी मोबाइल एप्लीकेशन आपके कमरे या फिर माइक का इस्तेमाल कर रहा है। तो आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन के कोने में एक कमरे का आइकॉन। या फिर अगर माइक इस्तेमाल किया जा रहा है तो माइक का आइकॉन बन जाता है। और यह बताता है कि आपके स्मार्टफोन में अभी कैमरा इस्तेमाल किया जा रहा है या फिर माइक इस्तेमाल किया जा रहा है। और अगर आपको इस साइबर क्राइम से बचाना है। तो आप अपने सारे एप्स को बंद कर चेक कर सकते हैं। कि क्या आपके स्मार्टफोन में अब भी कैमरे या माइक का आइकॉन बना रहा है। और यदि फिर भी यह आइकॉन आपको दिख रहा है तो आपको अपने फोन के सेटिंग्स में जाकर सारे एप्लीकेशन के परमिशन को चेक करना चाहिए। कि यदि कोई ऐप जिसमें सिर्फ वॉइस या फिर किसी अन्य चीज का काम है। तो उसने कैमरा का परमिशन क्यों लिया हुआ है। और यदि कोई ऐप जिसमें सिर्फ कैमरे का परमिशन की आवश्यकता है। उसने माइक का परमिशन क्यों लिया हुआ है। और आपके आजकल के स्मार्टफोन में यह भी मिल जाएगा की आप किसी भी एप्लीकेशन को तभी तक परमिशन दे सकते हैं। जब तक आप उसे एप्लीकेशन को इस्तेमाल कर रहे हैं। और यदि कोई एप्लीकेशन आपके लिए बहुत आवश्यक है कि वह हमेशा ही आपकी फोन की हर सेटिंग्स को एक्सेस कर सके और आपको उसे पर पूरा भरोसा है। तो भी आपको बिना मतलब के उसे ऐप को अपने फोन के सारे परमिशन नहीं देने चाहिए।
क्योंकि किसी भी स्मार्टफोन एप्लीकेशन को हैक किया जा सकता है। और आपके फोन के डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। तो इन्हीं सब चीजों से आपको अभी के समय में संभल कर रहना चाहिए।