How to Check Duplicate Medicine: अक्सर समाचार में ऐसी खबरें सुनने को मिलती रहती हैं की फलाने जगह नकली दवाइयां पकड़ी गई। अभी हाल में ही सोशल मीडिया पर नकली दवाई की फैक्ट्री का खुलासा हुआ था। जहां काफी मात्रा में नकली दवाइयां पकड़ी गई थी। ऐसे में लोगों का या जानना अनिवार्य है कि नकली और असली दवाई में क्या फर्क होता है। आईये आज हम आपको असली और नकली दवाइयां में कुछ फर्क बताते हैं, जिससे आपके स्वास्थ्य पर नुकसान होने से बच सकता है।
रांची के RIMS के न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन डॉक्टर विकास कुमार ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से यह जानकारी साझा की है। जिससे लोगों को असली और नकली दवाइयों के बीच फर्क करने में आसानी होगी।
जाने नकली दवाइयों की पहचान के लिए क्या कहते है डॉक्टर साहब:-
- दवाई खरीदने वक़्त सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना है की दवाई हमेशा लाइसेंस स्टोर / दुकान से ही खरीदें और दवाई का बिल जरूर लें।
- ऑनलाइन दवाइयां खरीदने से बचें। क्योंकि इनमें फ्रॉड की संभावना अधिक होती है।
- दवाई की कीमत और ऑफर की जानकारी जरुर चेक करें। क्योंकि नकली दवाइयां अक्सर काफी सस्ती और डिस्काउंट रेट पर मिलती है ।
- अगर दवाई खरीदने वक्त आपको दवाई की प्रिंटिंग या स्पेलिंग में कोई मिस्टेक दिखता है या डिजाइन में कुछ भी फर्क नजर आता है। तो सावधान हो जाइए क्योंकि वह दवाई नकली हो सकता है।
- सभी दवाइयां के पैकेट पर बैच नंबर, मैन्युफैक्चर डेट और एक्सपायरी डेट लिखी होनी चाहिए। दवाई लेते समय यह चेक जरूर करें।
- दवाइयां खरीदते वक्त अगर आपको पैकेट पर बारकोड, यूनिक कोड या QR कोड नहीं दिखाई देता तो ऐसे में उस दवाई को खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि वह नकली हो सकता है।
- जब भी आप दवाई खरीदते हैं तो ध्यान दें कि नकली दवाइयां की ऊपरी परत अक्सर सिकुड़ी हुई और खराब होती है। अगर आपको थोड़ा सा भी शक हो तो ऐसे दवाइयां को ना खरीदें।