Bihar emerges as new textile hub attracting investment: वर्ष 2022 में बिहार की टेक्सटाइल पॉलिसी आने के बाद से राज्य में निवेश के लिए 88 प्रस्ताव आ चुके हैं। इनमें कुल 482 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। पहले भी 2016 की औद्योगिक पॉलिसी के तहत 42 यूनिटों ने बिहार में निवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। यह साफ संकेत है कि बिहार टेक्सटाइल क्षेत्र में एक नया हब बनने के लिए तैयार है।

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बिहार: एक उभरता हुआ टेक्सटाइल हब

हालांकि तिरुपुर, नोएडा, इंदौर और कोलकाता जैसे शहर पहले से ही देश के प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित हैं, लेकिन बिहार ने भी सस्ते और कुशल श्रमिकों की बदौलत इस क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है। राज्य में 30 औद्योगिक यूनिट वस्त्र उत्पादन में लगी हैं, जिनमें 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इसके अलावा, कई अन्य यूनिटें भी हैं जो अभी तक आधिकारिक रूप से पंजीकृत नहीं हैं।

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निवेशकों की नजरें बिहार पर

टेक्सटाइल क्षेत्र के जानकारों के अनुसार, बांग्लादेश के गारमेंट उत्पादक वर्तमान संकट के कारण “वेट एंड वॉच” की स्थिति में हैं। यदि बांग्लादेश में स्थिति खराब होती है, तो ये उत्पादक सस्ते श्रम की तलाश में बिहार का रुख कर सकते हैं या यहां की यूनिटों को काम दे सकते हैं। निवेशक मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और कटिहार जैसे शहरों में संभावनाएं तलाश रहे हैं।

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बिहार के लिए अवसर

बांग्लादेश का राजनीतिक संकट बिहार के टेक्सटाइल सेक्टर के लिए एक बड़ा अवसर बन सकता है। यदि यह संकट लंबा खिंचता है, तो बिहार में टेक्सटाइल उद्योग की संभावनाएं और बढ़ सकती हैं। बिहार में पहले से ही गारमेंट क्षेत्र के कुशल श्रमिकों की एक बड़ी संख्या मौजूद है, जो इसे एक आकर्षक गंतव्य बनाती है।